Hospital IPD Departments
आयुर्वेद में आईपीडी (इंटर्नल मेडिसिन) विभाग का महत्वपूर्ण स्थान है। यह विभाग रोगियों की गहन चिकित्सा और उपचार के लिए समर्पित है। यहाँ पर आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग करके विभिन्न प्रकार की बीमारियों का निदान एवं उपचार किया जाता है। यह विभाग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर ध्यान केंद्रित करता है। रोगियों की आवश्यकताओं के अनुसार, यहाँ औषधियों का मिश्रण, पंचकर्म therapies, और अन्य उपचार विधियों का उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त, आईपीडी में रोगियों को विशेषज्ञों द्वारा व्यक्तिगत देखभाल और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है, ताकि उनका स्वास्थ्य जल्दी ठीक हो सके। इस प्रकार, आयुर्वेदिक आईपीडी विभाग रोगियों के लिए एक पूर्ण और समग्र स्वास्थ्य सेवा का विकल्प प्रस्तुत करता है।


Hospital IPD Department :-
कायाचिकित्सा: यह विभाग सामान्य चिकित्सा और आंतरिक विकारों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह जठरांत्रिय, हृदय, मस्कुलोस्केलेटल और तंत्रिका संबंधी समस्याओं सहित विभिन्न स्थितियों का उपचार करता है।
पंचकर्म: यह विभाग शुद्धिकरण और कायाकल्प चिकित्सा में विशेषज्ञता रखता है, जो आयुर्वेदिक उपचार का एक अभिन्न अंग है।
बाल रोग (बाल रोग): यह विभाग बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करता है।
शल्य (शल्य चिकित्सा): यह विभाग आयुर्वेद में शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं से संबंधित है।
स्त्री एवं प्रसूति रोग (प्रसूति एवं स्त्री रोग): यह विभाग गर्भावस्था, प्रसव और संबंधित मुद्दों सहित महिलाओं के स्वास्थ्य को संभालता है।
शालाक्य (ईएनटी और नेत्र विज्ञान): यह विभाग नेत्र और कान विकारों के उपचार में विशेषज्ञता रखता है।
विष विज्ञान (विष चिकित्सा):अगद तंत्र विभागों में अक्सर नशामुक्ति, मादक द्रव्यों के सेवन और शराब, तंबाकू, भांग और ओपिओइड जैसे व्यसन विकारों के प्रबंधन की सुविधाएं शामिल होती हैं ।